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17 Nov 2024 · 1 min read

चौपाई छंद गीत

चोपाई छंद गीत
सृजन पंक्ति-बोध गया में मेला लगता ।

मोक्षधाम का रास्ता सजता ।
बोध गया में मेला लगता ।।

फल्गु नदी है पावन बहती।
पितृ मुक्ति की गाथा कहती ।।
तर्पण कोई अपना करता ।
बोध गया में मेला लगता ।।

स्वर्ग नरक के बंधन छुटते ।
कर्म मार्ग भी जाते खुलते ।।
जीना मरना सार्थक बनता ।
बोध गया में मेला लगता ।।

मुक्ति पाप की करने आते।
श्रद्धा श्राद्ध की रीत निभाते ।।
नीर दान का कारज चलता ।
बोध गया में मेला लगता ।

पिंडदान से शांति कराते।
देवघाट के दर्शन पाते ।।
आत्मा का है रूप निखरता ।
बोध गया में मेला लगता ।।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

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