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9 May 2024 · 1 min read

बदलता गांव

बदल गया है गांव अब मकां भी पुराने रहे नहीं,
दिल बदल गया इंसानों का इंसान भी पुराने रहे नहीं।

सबकुछ खोया दो पल सुकून भी पहले जैसे रहे नहीं,
वर्षा होना भी कम हुआ आसमान भी पुराने रहे नहीं।

परिंदे उड़ नहीं पा रहे लगता है पर भी पुराने रहे नहीं,
आज बदलती दुनिया में हमसफर पुराने रहे नहीं।

नए दौर में सुकून के पल मिल जाए तो खोज लो तुम,
इस नए दौर में सुकून के सफर भी पुराने रहे नहीं।

जो मन में आए बोल देते संस्कार भी पुराने रहे नहीं,
दिल यारों का भी बदल गया और यार पुराने रहे नहीं।

कैसी आश सुकून की मतलबी दुनिया में सुकून नही,
आ गई हैं रिश्तो में दरारे रिश्तेदार भी पुराने रहे नहीं।

© अभिषेक पाण्डेय अभि

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