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3 May 2024 · 1 min read

मजदूर

छेनी,हथौड़ी,हल और कुदाली साथ लाये हैं।
करे जी जान से मेहनत नसीबा हाथ आये है।।

करो जितना परिश्रम भी नहीं मिलती सही कीमत,
मिले दो वक्त की रोटी खुदा कितना सताये है।

वो जिनकी शान ऊंची है जगत में मान भी ऊंचा,
दया ममता नहीं उनको,जरा ना रहम खाये हैं।

चाहे मजदूरी करें या सड़क पुल का हो निर्माण,
कलम की चाकरी करके सभी को राह दिखाये हैं।

चमकते स्वेद बिंदु से लिखे तकदीर भी खुद की,
इमारत औरों की बना कर, झोपड़ी स्वयं बनाये हैं।

मैं निर्बल हूं नहीं हारा,अभी तक विश्वास है बाकी,
बाजुओं के इसी दम पर स्वयं तकदीर लिखाये हैं।

किसी चट्टान का सीना यही फौलादी हाथ तोड़े है,
हमीं तो अन्नदाता है ,बंजर में हरियाली लहराये हैं ।

Language: Hindi
1 Like · 107 Views

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