मनाने दो प्रेमियों को, वेलेंटाइन डे

करो नहीं कैद मोहब्बत को, मोहब्बत आज़ाद होती है।
जाति- धर्मों की दीवारों में, मोहब्बत नहीं कैद होती है।।
मोहब्बत करने वालों को, नहीं रोको एनी डे।
मनाने दो प्रेमियों को, प्यार से वेलेंटाइन डे।।
करो नहीं कैद मोहब्बत को—————-।।
देखों नहीं प्रेमियों को, नफरत भरी नजरों से ऐसे।
करों नहीं खून प्रेमियों का, निर्दयी बनकर तुम ऐसे।।
लिखा है किस धर्म-ग्रन्थ में, मोहब्बत एक गुनाह है।
मोहब्बत तो ईश्वर की, दी हुई एक नेमत होती है।।
मोहब्बत करने वालों को, नहीं रोको एनी डे।
मनाने दो प्रेमियों को, प्यार से वेलेंटाइन डे।।
करो नहीं कैद मोहब्बत को—————-।।
प्यार करने वाले तो, किसी के नहीं दुश्मन होते हैं।
जाति- धर्म और देश को, जोड़ने वाले वो होते हैं।
मोहब्बत तो जोड़ती है, परिवार और रिश्तों को।
नफरत और दुश्मनी कभी, नहीं मोहब्बत में होती है।।
मोहब्बत करने वालों को, नहीं रोको एनी डे।
मनाने दो प्रेमियों को, प्यार से वेलेंटाइन डे।।
करो नहीं कैद मोहब्बत को——————–।।
वतन जिन्दा रखने के लिए, मोहब्बत की जरूरत है।
बढ़ाने के लिए देशप्रेम भी, मोहब्बत की जरुरत है।।
मोहब्बत के बिना तो, देश में होगी नफरत की आग।
आबाद रखने को मानवता, जरूरत मोहब्बत की होती है।।
मोहब्बत करने वालों को, नहीं रोको एनी डे।
मनाने दो प्रेमियों को, प्यार से वेलेंटाइन डे।।
करो नहीं कैद मोहब्बत को———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा ऊर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)