Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2024 · 1 min read

☎️ फोन जब तार से बंधा था, आदमी आजाद था.. जब से फोन तार से आ

☎️ फोन जब तार से बंधा था, आदमी आजाद था.. जब से फोन तार से आजाद हुआ है, आदमी 📱 फोन से बंध गया है ‼️

207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4004.💐 *पूर्णिका* 💐
4004.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शीर्षक:मन एक खेत
शीर्षक:मन एक खेत
Lekh Raj Chauhan
नववर्ष में
नववर्ष में
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
मूर्खों दुष्टों और दुश्मनों को तवज्जो देंगे तो अपना आत्मसम्म
गौ नंदिनी डॉ विमला महरिया मौज
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
कही हॉस्पिटलों में जीवन और मौत की जंग लड़ रहे है लोग।
Rj Anand Prajapati
विश्व कविता दिवस पर हाइकु
विश्व कविता दिवस पर हाइकु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
22, *इन्सान बदल रहा*
22, *इन्सान बदल रहा*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
Ram in Mithla
Ram in Mithla
Mr. Jha
अध्यापक
अध्यापक
Sakhi
लम्हा लम्हा जिया है शिद्दत से
लम्हा लम्हा जिया है शिद्दत से
Dr fauzia Naseem shad
*
*"बसंत पंचमी"*
Shashi kala vyas
दोस्त.......
दोस्त.......
Harminder Kaur
जीवनदायिनी बैनगंगा
जीवनदायिनी बैनगंगा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
चंद अश'आर ( मुस्कुराता हिज्र )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Just be like a moon.
Just be like a moon.
Satees Gond
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
*खिली एक नन्हीं कली*
*खिली एक नन्हीं कली*
ABHA PANDEY
जाग जाग हे परशुराम
जाग जाग हे परशुराम
उमा झा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
दीपक श्रीवास्तव
ग़ुरूर
ग़ुरूर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तो क्या हुआ... !?
तो क्या हुआ... !?
Roopali Sharma
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
यहां कुछ भी स्थाई नहीं है
शेखर सिंह
#विषय गोचरी का महत्व
#विषय गोचरी का महत्व
Radheshyam Khatik
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
ग़ज़ल(उनकी नज़रों से ख़ुद को बचाना पड़ा)
डॉक्टर रागिनी
अपनों से बिछड़ने की स्थिति में बहुत कम ही ऐसे शख़्स होते हैं
अपनों से बिछड़ने की स्थिति में बहुत कम ही ऐसे शख़्स होते हैं
पूर्वार्थ
सि
सि
*प्रणय प्रभात*
अजनबी कहकर ही बुलाए
अजनबी कहकर ही बुलाए
Jyoti Roshni
नही हिलाना भूलकर,अपनी वो बुनियाद
नही हिलाना भूलकर,अपनी वो बुनियाद
RAMESH SHARMA
Loading...