Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2024 · 1 min read

जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर

जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर

किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर
तो किसी के संगीतमय जीवन के संगीतकार हैं ईश्वर

कहीं भक्तिपूर्ण जीवन का भक्तिरस हैं ईश्वर
किसी के जीवन की रातरानी , तो कहीं पलाश हैं ईश्वर

मन की आँखों पर विश्वास जो करो , तो आसपास हैं ईश्वर
किसी की आँखों की चमक , तो कहीं अश्रुधार का विस्तार हैं ईश्वर

फूलों में , काँटों में , सुगंध के बाज़ार में ईश्वर
तन में – मन में , अंतर्मन में विराजमान हैं ईश्वर

गोविन्द में , शिव में , अल्लाह में , बुद्ध में ईश्वर
महावीर में , जीसस में , सच्चे बादशाह में ईश्वर

भक्ति से मोक्ष की राह का दीदार करा दें वो हैं ईश्वर
पाप – पुण्य से मुक्त कर जो संत बना दे , वो हैं ईश्वर

मानव को जो मानव होने का बोध करा दें , वो हैं ईश्वर
गुरु को जो खुद से श्रेष्ठ बता दें , वो हैं ईश्वर

वन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर

किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर
तो किसी के संगीतमय जीवन के संगीतकार हैं ईश्वर ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “

109 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

तुम बेबाक बोलो, देश कर्णधार
तुम बेबाक बोलो, देश कर्णधार
डॉ. शिव लहरी
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
दुःख, दर्द, द्वन्द्व, अपमान, अश्रु
Shweta Soni
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आ जाये मधुमास प्रिय
आ जाये मधुमास प्रिय
Satish Srijan
पॉजिटिव मैरिज
पॉजिटिव मैरिज
पूर्वार्थ
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
नंगा चालीसा [ रमेशराज ]
कवि रमेशराज
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
इन दरख्तों को ना उखाड़ो
VINOD CHAUHAN
"जीवन का सच्चा सुख"
Ajit Kumar "Karn"
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
चलो कोशिश करते हैं कि जर्जर होते रिश्तो को सम्भाल पाये।
Ashwini sharma
जीवन
जीवन
Mangilal 713
___गोता
___गोता
Varun Singh Gautam
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
अभी कहाँ विश्रांति, कार्य हैं बहुत अधूरा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कर्मयोग बनाम ज्ञानयोगी
कर्मयोग बनाम ज्ञानयोगी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
- उपमा -
- उपमा -
bharat gehlot
म्हारो गांव अर देस
म्हारो गांव अर देस
लक्की सिंह चौहान
इलज़ाम
इलज़ाम
Lalni Bhardwaj
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
एक अच्छे समाज का निर्माण तब ही हो सकता है
कृष्णकांत गुर्जर
#माँ गंगा से . . . !
#माँ गंगा से . . . !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
हिंदी भाषा में प्यार है
हिंदी भाषा में प्यार है
Sonam Puneet Dubey
*पास बैठो घड़ी दो घड़ी*
*पास बैठो घड़ी दो घड़ी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* डार्लिग आई लव यू *
* डार्लिग आई लव यू *
भूरचन्द जयपाल
आज का मुक्तक
आज का मुक्तक
*प्रणय*
हम अपने घर में बेगाने
हम अपने घर में बेगाने
Manoj Shrivastava
आप हो
आप हो
sheema anmol
ये ना पूछो
ये ना पूछो
Nitu Sah
संवेदना
संवेदना
संजीवनी गुप्ता
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
Ravi Prakash
பூக்களின்
பூக்களின்
Otteri Selvakumar
Loading...