Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना

संवेदना
खत्म हो गई अब
युग प्रभाव ।

दूजे के कष्ट
तस्वीरों में खीचते
बना चलन ।

भूखे के लिए
दे नहीं पाते रोटी
व्यस्त समय।

सडकों पर
कराहते घायल
किसे फिकर।

दुर्घटना में
तडपते ही छोड़
भागते लोग।

मानव जाति
संवेदना से हीन
पशु तरह ।

राजेश कौरव सुमित्र

1 Like · 124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

जीना चाहती हूं जिंदगी को अपने ही ढंग से
जीना चाहती हूं जिंदगी को अपने ही ढंग से
Mamta Rani
मैंने क्या कुछ नहीं किया !
मैंने क्या कुछ नहीं किया !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
मन की मनमानी से हारे,हम सब जग में बेचारे।
Rituraj shivem verma
Essence of Happiness
Essence of Happiness
Deep Shikha
“मिल ही जाएगा”
“मिल ही जाएगा”
ओसमणी साहू 'ओश'
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
माना दो किनारे हैं
माना दो किनारे हैं
Suryakant Dwivedi
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
हमने ख्वाबों
हमने ख्वाबों
हिमांशु Kulshrestha
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
नेपाल के लुंबनी में सफलतापूर्ण समापन हुआ सार्क समिट एवं गौरव पुरुस्कार समारोह
The News of Global Nation
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
क्या हुआ जो मेरे दोस्त अब थकने लगे है
Sandeep Pande
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हम राज़ अपने हर किसी को  खोलते नहीं
हम राज़ अपने हर किसी को खोलते नहीं
Dr Archana Gupta
"" *सुनीलानंद* ""
सुनीलानंद महंत
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
।।
।।
*प्रणय*
You don’t have to feel pressured to achieve certain mileston
You don’t have to feel pressured to achieve certain mileston
पूर्वार्थ देव
************* माँ तेरी है,माँ तेरी है *************
************* माँ तेरी है,माँ तेरी है *************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सफलता
सफलता
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
शून्य सा अवशेष मैं....!
शून्य सा अवशेष मैं....!
पंकज परिंदा
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
ऐसे लोगो को महान बनने में देरी नही लगती जो किसी के नकारात्मक
Rj Anand Prajapati
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
आप रखिए ख़्याल बस अपना,
Dr fauzia Naseem shad
बिक रहे थे दोनों
बिक रहे थे दोनों
पूर्वार्थ
बापूजी(नानाजी)
बापूजी(नानाजी)
Kanchan Alok Malu
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
इस देश की ख़ातिर मिट जाऊं बस इतनी ..तमन्ना ..है दिल में l
sushil sarna
"दोस्ती की उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
बेवफाई से मिली तन्हाई
बेवफाई से मिली तन्हाई
Krishna Manshi
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
बिहार-झारखंड के दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य | डॉ. मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
Loading...