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16 Apr 2024 · 1 min read

देवताई विश्वास अंधविश्वास पर एक चिंतन / मुसाफ़िर बैठा

विश्वास – अंधविश्वास पर एक चिंतन

अल्लाह और पैगंबर हजरत मुहम्मद की कोई फोटो और मूर्ति नहीं है, न ही इनकी नकली मूर्ति बनाकर इनको मानने वाले लोग पूजते हैं।

उधर, हिंदू देवी देवताओं को तो छोड़िए, बुद्धिवाद के प्रवर्तक बुद्ध और अमूर्त एकेश्वर के मानने वाले महान गृहस्थ मानववादी कवि कबीर, रैदास आदि की नकली मूर्ति और फोटो बनाकर भी पूजा जाता है जबकि हमें किसी भी देवी देवता का असली चेहरा प्राप्त नहीं है।

अर्थात, कई बार अंधविश्वास भी प्रगतिशील होता चलता है तो विश्वास भी अंधविश्वासी होता और तर्कविरुद्ध जाता मिलता है।
इन बातों को कैसे देखते हैं आप लोग?

Language: Hindi
168 Views
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