Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Apr 2024 · 1 min read

“रिश्तों का विस्तार”

“रिश्तों का विस्तार”
अब तो ऐसा हो रहा
रिश्तों का विस्तार,
जितना जिससे मतलब
उतना उससे प्यार।

3 Likes · 3 Comments · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

एक शे’र / मुसाफ़िर बैठा
एक शे’र / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
ग़ज़ल(नाम जब से तुम्हारा बरण कर लिया)
डॉक्टर रागिनी
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
बिजी तो हर कोई होता है,लेकिन अगर उनकी लाइफ में आपकी कोई वैल्
Ranjeet kumar patre
हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar
हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
कौन है वो
कौन है वो
Sonam Puneet Dubey
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
बढ़ी हैं दूरियां दिल की भले हम पास बैठे हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अनुभव अमूल्य कसौटी हैं , मेरे पास एक दिपक हैं , जो मुझे मार्
अनुभव अमूल्य कसौटी हैं , मेरे पास एक दिपक हैं , जो मुझे मार्
Raju Gajbhiye
चाल समय के अश्व की,
चाल समय के अश्व की,
sushil sarna
ओलम्पिक खेल का उद्देश्य
ओलम्पिक खेल का उद्देश्य
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
हमारा अस्तिव हमारे कर्म से होता है, किसी के नजरिए से नही.!!
Jogendar singh
नये साल की आमद
नये साल की आमद
Dr fauzia Naseem shad
...
...
*प्रणय*
- टेबिल टेनिस मेरे मन में छा गया टेबिल टेनिस वाली मन में आ गई -
- टेबिल टेनिस मेरे मन में छा गया टेबिल टेनिस वाली मन में आ गई -
bharat gehlot
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
जुआं उन जोखिमों का कुंआ है जिसमे युधिष्ठिर अपना सर्वस्व हार
Rj Anand Prajapati
"एक पैगाम पिता के नाम"
Pushpraj Anant
सही दिशा में
सही दिशा में
Ratan Kirtaniya
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
Bharti Das
आस्था का महापर्व:छठ
आस्था का महापर्व:छठ
manorath maharaj
पिता
पिता
Neeraj Agarwal
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
बॉस की पत्नी की पुस्तक की समीक्षा (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
चीं-चीं करती गौरैया को, फिर से हमें बुलाना है।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों में खोया हुआ हुं की तुम कभी ना कभी तो मुझे याद तो करो
यादों में खोया हुआ हुं की तुम कभी ना कभी तो मुझे याद तो करो
Iamalpu9492
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
छन्द सरसी: *जिनका कुशल प्रबन्ध*
Ashwani Kumar
*Sunshine*
*Sunshine*
Veneeta Narula
Loading...