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15 Apr 2024 · 1 min read

जल बचाओ एक सबक

सुनो सुनो अब बाल बच्चे,
करो अब बहाना नहीं ।

ध्यान अब भटकाना नहीं,
जल ज्यादा फैलाना नहीं,
बूँद-बूँद जल को तरसते है,
जो फिज़ूल जल बर्बाद है करते ।

कितना अच्छा लगता जब,
प्यासे को जब मिलता जल,
गर्मी मे खुश होता मन,
अमृत सा शुद्ध होता जल।

कूड़ा कचरा जल मे ना फेक,
वर्षा के जल को करो संरक्षित,
पर्यावरण के जल स्रोत हो सुरक्षित,
सबको सबक सिखाना यही।

सुनो बच्चो तुम हो अच्छे,
प्रदूषण से बच कर रहना,
सभी जन से यही कहना,
जल के बिन जीवन का न रहना।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा,
जिला – हमीरपुर।

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