बदलती जरूरतें बदलता जीवन
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
राधा अब्बो से हां कर दअ...
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
अरे योगी तूने क्या किया ?
पुराना तजो जी, नवल को भजो जी,
माना कि हम बेवफा हैं, 2 पर ए मेरे यार तुम तो बेवफा ना थे।
अजीब सी बेचैनी हो रही थी, पता नही क्यों, शायद जैसा सोचा था व
बात के हो जादूगर इस अदा से उल्फत है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है