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29 Mar 2024 · 1 min read

चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए

कितना आकर्षण है सत्ता का,पल भर चैन न आए
कई दल तोड़े कई बनाए, फिर भी कुर्सी से नहीं अघाए
वोटों की तैयार हैं फसलें,कई चैतुए आए
नए नए मोर्चे बना बना, जनता को भरमाए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
गले गले तक भ्रष्टाचार में डूबे, कट्टर ईमानदार बताए
चोरी और फिर सीनाजोरी,जैलों से सरकार चलाए
खाकर शपथ संविधान की,माल चकाचक खाए
कैसे पहचानें इनको, बात समझ न आए
मुंख पर है जनता की सेवा, और अंदर मेवा ही मेवा
चल नहीं सकता है पग भर, फिर भी सरकार चलाए
कैसे कैसे दल और नेता, इनसे भगवान बचाए
नहीं नीति रीति न धर्म-कर्म, कुर्सी को ललचाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
333 Views
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