Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2024 · 1 min read

जीवन का सत्य

हरेक ज़िदगी की अजब दासतां है।
खुश हैं मगर जाने क्यूं परेशां हैं।।

शानोशौकत का जज़्बा था खूब आज़माया ।
धन संपदा का भी अंबार पाया ।।

हर काम में अग्रणी होना चाहा ।
मेहनत से वो भी सब कर दिखाया ।।

पानी थी शोहरत, संगी साथी सभी से।
दुनिया की दौलत ने वो रंग जमाया ।।

अच्छे बुरे की पहचान होती।
मुश्किल समय पास जब न उन को पाया।।

कुंठित हुआ मन चहुं ओर भागे।
मन ही मन में सब जवाब मांगे।।

क्या सत्य है वो जो न दिख पाए।
उमर बीत जाए पर न थाह पाए।।

झूठी है संसार की सारी दौलत ।
सत्य ज़िदगी का स्वयं में ही पाएं ।।

सफर ज़िदगी का अजब है खज़ाना ।
चले राह पर और तजुर्बे कमाना ।।

न रहता समय एक सा हर किसी का
खोजो तो पाओ ये सत्य ज़िदगी का ।।

विनीता नरुला
स्वरचित व मौलिक

1 Like · 190 Views
Books from Veneeta Narula
View all

You may also like these posts

4524.*पूर्णिका*
4524.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कुछ मुस्कुरा के
कुछ मुस्कुरा के
Dr fauzia Naseem shad
🙅नया सुझाव🙅
🙅नया सुझाव🙅
*प्रणय*
Chahat
Chahat
anurag Azamgarh
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
*पछतावा*
*पछतावा*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सावन गीत
सावन गीत
Pankaj Bindas
"एक जंगल"
Dr. Kishan tandon kranti
तेवरी केवल कैमरे की कला नहीं + निरंजन कुमार ‘निराकार’
तेवरी केवल कैमरे की कला नहीं + निरंजन कुमार ‘निराकार’
कवि रमेशराज
कितने बार भी दिल टूटे लेकिन लगाना नहीं छोड़ना चाहिए। कितनी ब
कितने बार भी दिल टूटे लेकिन लगाना नहीं छोड़ना चाहिए। कितनी ब
पूर्वार्थ
Love
Love
Shashi Mahajan
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
महँगाई
महँगाई
Shailendra Aseem
'बस! वो पल'
'बस! वो पल'
Rashmi Sanjay
AE888 là nhà cái uy tín hàng đầu cho cược thể thao, casino t
AE888 là nhà cái uy tín hàng đầu cho cược thể thao, casino t
AE888
रिश्ते
रिश्ते
प्रदीप कुमार गुप्ता
जहां से उठा वही से गिरा हूं मैं।
जहां से उठा वही से गिरा हूं मैं।
Rj Anand Prajapati
“ आओ, प्रार्थना करें “
“ आओ, प्रार्थना करें “
Usha Gupta
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
वो छोटी सी खिड़की- अमूल्य रतन
Amulyaa Ratan
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
बुरा न मानो, होली है! जोगीरा सा रा रा रा रा....
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
Shikha Mishra
क्या कहा?
क्या कहा?
Kirtika Namdev
श्रृगार छंद - मात्रिक
श्रृगार छंद - मात्रिक
पंकज परिंदा
सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम
सोचा जिनका आज से,कभी न लूँगा नाम
RAMESH SHARMA
कौन कहता है कि आसमां झुकता नहीं है
कौन कहता है कि आसमां झुकता नहीं है
VINOD CHAUHAN
प्रकृति
प्रकृति
Sûrëkhâ
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
*सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक के प्रारंभिक पंद्रह वर्ष*
Ravi Prakash
शायरी
शायरी
Rambali Mishra
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
प्रेम पत्नी से है सिर्फ पत्नी से,
प्रेम पत्नी से है सिर्फ पत्नी से,
लक्ष्मी सिंह
Loading...