Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2024 · 1 min read

3162.*पूर्णिका*

3162.*पूर्णिका*
🌷 काम अपना पूरा करते🌷
2122 22 22
काम अपना पूरा करते।
रोज सपना पूरा करते।।
हौसला भी रखते हरदम।
नाम जपना पूरा करते।।
मेहनत और लगन देखो।
छाप छ्पना पूरा करते।।
साथ रहते साथी बनकर ।
सीख तपना पूरा करते।।
भाग्यशाली हम तो खेदू।
जान खपना पूरा करते।।
………..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
22-03-2024शुक्रवार
(विश्व जल दिवस)

200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

एक ज़माना था .....
एक ज़माना था .....
Nitesh Shah
"प्रकृति की ओर लौटो"
Dr. Kishan tandon kranti
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
भारत की गौरवभूमि में जन्म लिया है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"खरा सोना "
Yogendra Chaturwedi
जिंदगी खेल हरपल है,
जिंदगी खेल हरपल है,
श्याम सांवरा
3554.💐 *पूर्णिका* 💐
3554.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तळहातावर दिप तेवते
तळहातावर दिप तेवते
Shinde Poonam
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
Phool gufran
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
पूर्वार्थ
“सत्य ही सब कुछ हैं”
“सत्य ही सब कुछ हैं”
Dr. Vaishali Verma
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
दिल लगाया है जहाॅं दिमाग न लगाया कर
Manoj Mahato
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
खुद को मैंने कम उसे ज्यादा लिखा। जीस्त का हिस्सा उसे आधा लिखा। इश्क में उसके कृष्णा बन गया। प्यार में अपने उसे राधा लिखा
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
तसल्ली के लिए इक इक कोने की तलाशी कर लो
शिव प्रताप लोधी
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
स्वयम हूँ स्वयम से दूर
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
रिश्तों की सार्थकता
रिश्तों की सार्थकता
Nitin Kulkarni
अग्नि परीक्षा!
अग्नि परीक्षा!
Pradeep Shoree
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
टूटा दर्पण नित दिवस अब देखती हूँ मैं।
लक्ष्मी सिंह
"वक्त इतना जल्दी ढल जाता है"
Ajit Kumar "Karn"
सत्संग की ओर
सत्संग की ओर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Annapurna gupta
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
विडम्बना
विडम्बना
Shaily
निहार रही हूँ उस पथ को
निहार रही हूँ उस पथ को
शशि कांत श्रीवास्तव
बारिश का है इंतजार
बारिश का है इंतजार
Shutisha Rajput
ख़ुद से
ख़ुद से
Dr fauzia Naseem shad
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
नृत्य किसी भी गीत और संस्कृति के बोल पर आधारित भावना से ओतप्
Rj Anand Prajapati
#आदरांजलि-
#आदरांजलि-
*प्रणय प्रभात*
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
कुंडलिया छंद विधान ( कुंडलिया छंद में ही )
Subhash Singhai
Loading...