जिंदगी खेल हरपल है,

जिंदगी खेल हरपल है,
दिलों का मेल हरपल है।
किसी का प्रेम प्रेरित है,
किसी में दगा का दलदल है।
नहीं आता हमे तो,
प्रेम में भेद करना सावरे।
तेरी बंशी पे हमको तो,
बस थिरकना आता है।
श्याम सांवरा……
जिंदगी खेल हरपल है,
दिलों का मेल हरपल है।
किसी का प्रेम प्रेरित है,
किसी में दगा का दलदल है।
नहीं आता हमे तो,
प्रेम में भेद करना सावरे।
तेरी बंशी पे हमको तो,
बस थिरकना आता है।
श्याम सांवरा……