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29 Dec 2024 · 1 min read

गर मयस्सर ये ज़ीस्त हो जाती

गर मयस्सर ये ज़ीस्त हो जाती
चंद लम्हे ख़ुशी से जी लेते
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

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