Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2024 · 1 min read

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता

उदास एक मुझी को तो कर नही जाता
वह मुझसे रुठ के अपने भी घर नही जाता

वह दिन गये कि मुहबबत थी जान की बाज़ी
किसी से अब कोई बिछडे तो मर नही जाता
तुमहारा प्यार तो सांसों मे सांस लेता है
जो होता नश्शा तो इक दिन उतर नही जाता

पुराने रिश्तों की बेग़रिज़यां न समझेगा
वह अपने ओहदे से जब तक उतर नही जाता

‘उसकी तडप है, तो उसके पास चलो
कभी कुआं किसी प्यासे के घर नही जाता

128 Views

You may also like these posts

मशाल
मशाल
नेताम आर सी
"आतिशे-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
जा के बैठेगी अब कहां तितली
जा के बैठेगी अब कहां तितली
Dr fauzia Naseem shad
कभी जीत कभी हार
कभी जीत कभी हार
Meenakshi Bhatnagar
एकांत
एकांत
Shally Vij
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
- तेरे बाद में कुछ भी नही हु -
bharat gehlot
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
*श्रीराम और चंडी माँ की कथा*
Kr. Praval Pratap Singh Rana
सुनो !!!!
सुनो !!!!
shabina. Naaz
पटाक्षेप
पटाक्षेप
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4144.💐 *पूर्णिका* 💐
4144.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
मैं जिस तरह रहता हूं क्या वो भी रह लेगा
Keshav kishor Kumar
"हां, गिरके नई शुरुआत चाहता हूँ ll
पूर्वार्थ
*तृण का जीवन*
*तृण का जीवन*
Shashank Mishra
मेरी जानां
मेरी जानां
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक
मुक्तक
*प्रणय*
देखि बांसुरी को अधरों पर
देखि बांसुरी को अधरों पर
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
वक्त
वक्त
अंकित आजाद गुप्ता
.... कुछ....
.... कुछ....
Naushaba Suriya
उसका प्रेम
उसका प्रेम
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
एक पति पत्नी भी बिलकुल बीजेपी और कांग्रेस जैसे होते है
शेखर सिंह
बाण मां सू अरदास
बाण मां सू अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
Neeraj kumar Soni
फ़र्ज़ ...
फ़र्ज़ ...
Shaily
“राज़ खुशी के”
“राज़ खुशी के”
ओसमणी साहू 'ओश'
चौपाई छंद - माता पिता और हम
चौपाई छंद - माता पिता और हम
Sudhir srivastava
"क्रान्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
अवतार
अवतार
Shweta Soni
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
कुछ राज़ बताए थे अपनों को
Rekha khichi
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
Loading...