Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Sep 2024 · 1 min read

चौपाई छंद – माता पिता और हम

सदा याद माँ बाप रहेंगे।
तभी हमारे भाग्य खुलेंगे।।
भले आज वो साथ नहीं हैं।
हमसे वो दूर ही सही हैं।।

हम पर नजरें सदा गड़ाए।
भूख प्यास वे रहें भुलाए।।
हमको लेकर चिंतित होते।
अश्कों से निज मुख को धोते।।

मातु पिता संबल हैं होते।
भले दूर हमको ना दिखते।।
साया बने साथ ही रहते।
यही बात हम नहीं समझते।।

यही भूल हम सब हैं करते।
और दोष उनको ही देते।।
मानो तो हम अज्ञानी हैं ।
या फिर शायद विज्ञानी हैं।।

यही समय का खेल निराला।
औरों का मुख लगता काला।।
जीवन में फैला है जाला।
जाप करें लेकर हम माला।।

सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
1 Like · 86 Views

You may also like these posts

" HYPOTHESIS"
DrLakshman Jha Parimal
23/156.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/156.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"व्यथा"
Dr. Kishan tandon kranti
ನನ್ನಮ್ಮ
ನನ್ನಮ್ಮ
ಗೀಚಕಿ
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
गुरुपूर्व प्रकाश उत्सव बेला है आई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरे राम तेरे राम
मेरे राम तेरे राम
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आदमी  उपेक्षा का  नही अपेक्षा का शिकार है।
आदमी उपेक्षा का नही अपेक्षा का शिकार है।
Sunil Gupta
चला गया
चला गया
Mahendra Narayan
नीरोगी काया
नीरोगी काया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बेटी से प्यार करो
बेटी से प्यार करो
Neeraj Agarwal
भागम भाग
भागम भाग
Surinder blackpen
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
Neelofar Khan
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
Rj Anand Prajapati
!!तुम्हे अपना समझता है!!
!!तुम्हे अपना समझता है!!
जय लगन कुमार हैप्पी
मौत की कहानी (ग़ज़ल)
मौत की कहानी (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
*नई समस्या रोजाना ही, जीवन में आ-आ जाती है (राधेश्यामी छंद)*
*नई समस्या रोजाना ही, जीवन में आ-आ जाती है (राधेश्यामी छंद)*
Ravi Prakash
🙅इत्ता सा अंतर🙅
🙅इत्ता सा अंतर🙅
*प्रणय*
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में)
रुहानियत और इंसानियत संग संग(पंजाबी में)
Mangu singh
दिवानगी...
दिवानगी...
Manisha Wandhare
सम्प्रेषण
सम्प्रेषण
Khajan Singh Nain
और तुम कहते हो मुझसे
और तुम कहते हो मुझसे
gurudeenverma198
कविता -आओ संकल्प करें
कविता -आओ संकल्प करें
पूनम दीक्षित
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
खूबसूरती
खूबसूरती
Mangilal 713
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"ओट पर्दे की"
Ekta chitrangini
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...