गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं लौट कर आऊंगा शाखाओं पर खुशबू लेकर
अपना उल्लू सीधा करना
Vishnu Prasad 'panchotiya'
एक ऐसा किरदार बनना है मुझे
दिल के एहसास में जब कोई कमी रहती है
पुराना हर खिलौना बाँट देना है ग़रीबों में
जरूरतों से जरूरतन दाँव लगाता हूँ मैं
*रक्षाबंधन का अर्थ यही, हर नारी बहन हमारी है (राधेश्यामी छंद
ये कैसी मंजिल है इश्क की.....
उत्तेजना🤨 और क्रोध😡 में कहा गया शब्द और किया गया कर्म स्थिति
"कर्म में कोई कोताही ना करें"
सभी कहने को अपने हैं मगर फिर भी अकेला हूँ।