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3 May 2024 · 1 min read

प्रिय किताब

मैं शुक्रगुजार हूं आपकी तरफ मैने हाथ बढ़ाएं
मैंने हाथो के सहारे गगन को छू लिया

मैंने अपने पुरखों का इतिहास पढ़ा
मन में बहुत सारे विचारो का अंधकार

तुम्हारे ही माध्यम से प्रकाशमान हो गया
गुमनाम जिंदगी उकेरी गई तुम्हारे माध्यम से

मेरी नजरों के सामने आपके द्वारा स्पष्ट हो गई
आपसे प्रज्वलित प्रकाशमान ज्ञान के द्वारा

मेरे अंदर अंधकार मिट गया
मै ज्ञानी हो गया मेरा जीवन संवर गया

सिर्फ आप में निहित ज्ञान से

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 93 Views
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