Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Mar 2024 · 1 min read

महाकाल का आंगन

जगमग जगमग दमक उठा, महाकाल का आंगन
वरनि न जाए छटा निराली, महाकाल लोक मनभावन
क्षिप्रा जी के घाट सजे हैं,भरा हुआ जल पावन
मोक्षदायिनी उज्जैयिनी, शिव का निवास महावन
वैभवशाली शिव नगरी का,शिवमय है कण कण
जयश्री महाकाल 🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Tag: Poem
2 Likes · 199 Views
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

My love at first sight !!
My love at first sight !!
Rachana
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
एक दिन एक बुजुर्ग डाकिये ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हु
Rituraj shivem verma
दुविधा में हूँ
दुविधा में हूँ
Usha Gupta
वह दिन जरूर आयेगा
वह दिन जरूर आयेगा
Pratibha Pandey
मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण।
मायड़ भासा मावड़ी, परथमी पर पिछांण।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तुम्हारी आंखें
तुम्हारी आंखें
Jyoti Roshni
सावन
सावन
Dr Archana Gupta
भीम बाबा ने सबको कहा है
भीम बाबा ने सबको कहा है
Buddha Prakash
‘तेवरी’ ग़ज़ल का एक उग्रवादी रूप +सतीशराज पुष्करणा
‘तेवरी’ ग़ज़ल का एक उग्रवादी रूप +सतीशराज पुष्करणा
कवि रमेशराज
एक और परीक्षा बाकी है।
एक और परीक्षा बाकी है।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
पिछले पन्ने 10
पिछले पन्ने 10
Paras Nath Jha
"ढूँढ़िए"
Dr. Kishan tandon kranti
चुप
चुप
Dr.Priya Soni Khare
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
अब नई सहिबो पूछ के रहिबो छत्तीसगढ़ मे
Ranjeet kumar patre
भागदौड़ भरी जिंदगी
भागदौड़ भरी जिंदगी
Bindesh kumar jha
🍁🌹🖤🌹🍁
🍁🌹🖤🌹🍁
शेखर सिंह
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
वफ़ाओं ने मुझे लूट लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
ख़्वाबों में तुम भले डूब जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
*The Bus Stop*
*The Bus Stop*
Poonam Matia
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
ती सध्या काय करते
ती सध्या काय करते
Mandar Gangal
भगवान बुद्ध
भगवान बुद्ध
Bodhisatva kastooriya
ना अब मनमानी करता हूं
ना अब मनमानी करता हूं
Keshav kishor Kumar
दुनिया कितनी निराली इस जग की
दुनिया कितनी निराली इस जग की
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
सभी मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
surenderpal vaidya
लौकिक से अलौकिक तक!
लौकिक से अलौकिक तक!
Jaikrishan Uniyal
विपक्ष की
विपक्ष की "हाय-तौबा" पर सवालिया निशान क्यों...?
*प्रणय*
क्या सही क्या गलत
क्या सही क्या गलत
Chitra Bisht
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
Loading...