Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

महिला ने करवट बदली

यह चारदीवारी पिंजरा मेरी कैद बना के लाया,
दे गज भर लंबा घूंघट, मुझे घर में ही अछूत बनाया ।

पति संगिनी बन जीवन में हर कर्म में हाथ बटाती,
संतान जनेन्दरी बनकर परिवार का भार उठती।
दिन रात कर जगराता उपवासो में समय बिताया,
दे गज भर लंबा घूंघट मुझे घर में ही अछूत बनाया ।

पिसती रही चक्की और दहेज के दो पाटो में,
कभी अग्नि में झौंक जलाया, कभी पटका जल घाटो में,
परिवार के ताने काँटो ने, मेरी छलनी कर दी काया,
दे गज भर लंबा घूंघट मुझे घर में ही अछूत बनाया ।

मै कब से दबी पड़ी थी, पर वक़्त ने करवट बदली,
बेशक चाल थी धीमी, पर कुछ तो सुन ली,
मै बहस का विषय रही, हर कोई मुझ से टकराया….
दे गज भर लंबा घूंघट, मुझे घर में ही अछूत बनाया ।

स्वतंत्र देश में हमको परतंत्र से मिली आज़ादी,
शिक्षा का ले सहारा, घूँघट को बाय-बाय कर दी,
इच्छा बुलंद की दिल में सर उप्पर उठाने की,
शिक्षा को गले लगाया, दी हिम्मत कदम बढ़ाने की,

परिवार नियोजन अपना के, अब लघु परिवार बनाया,
संविधान बना है रक्षक,अधिकार समान मिले है,
महिला आरक्षण पाकर, हर फील्ड मे कदम बढे है,
दे गज भर लंबा घूंघट, मुझे घर में ही अछूत बनाया ।

शारदा,कमला,गौरी,गृह देवी का दर्जा पाया,
मुझे गज भर लम्बा घूँघट, अब जरा भी मन ना भाया,
अब चारदीवारी पिंजरा, खुद टूट बाहर ले आया।
वो गज भर लम्बा घूँघट, अब खुली हवा लहराया।।

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from C S Santoshi
View all

You may also like these posts

लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
किस हक से मैं तुमसे अपना हिस्सा मांगूं,
किस हक से मैं तुमसे अपना हिस्सा मांगूं,
Iamalpu9492
प्रेम के बहुत चेहरे है
प्रेम के बहुत चेहरे है
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
है कौन वहां शिखर पर
है कौन वहां शिखर पर
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
भीड़ दुनिया में हद से ज़्यादा है,
Dr fauzia Naseem shad
स्वच्छता
स्वच्छता
Rambali Mishra
बढ़ जाएगी
बढ़ जाएगी
Arvind trivedi
बस ख़ुद को याद दिलाना तुम
बस ख़ुद को याद दिलाना तुम
विजय कुमार अग्रवाल
प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना
प्यार की चिंता , कभी रोजगार का पाना
दीपक बवेजा सरल
" धेले में "
Dr. Kishan tandon kranti
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
हो सके तो खुद के मित्र बनें शत्रु नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सत्य का संधान
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मन, तुम्हें समझना होगा
मन, तुम्हें समझना होगा
Seema gupta,Alwar
बहुत दिन हो गए
बहुत दिन हो गए
Meera Thakur
"भँडारे मेँ मिलन" हास्य रचना
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अभिलाषा
अभिलाषा
indu parashar
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गीत- चुराता हूँ सभी का दिल...
गीत- चुराता हूँ सभी का दिल...
आर.एस. 'प्रीतम'
सेज सजायी मीत की,
सेज सजायी मीत की,
sushil sarna
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह
पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह
Sudhir srivastava
संदूक पुरानी यादों का!
संदूक पुरानी यादों का!
Pradeep Shoree
हम रहते हैं आपके दिल में
हम रहते हैं आपके दिल में
Jyoti Roshni
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
Why am I getting so perplexed ?
Why am I getting so perplexed ?
Chaahat
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
गीत - जीवन मेरा भार लगे - मात्रा भार -16x14
Mahendra Narayan
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
इश्क़ मुस्कुराता है
इश्क़ मुस्कुराता है
Anand Kumar
*अयोध्या के कण-कण में राम*
*अयोध्या के कण-कण में राम*
Vandna Thakur
Loading...