Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

ये दुनियां दोधारी तलवार।

ये दुनियां दोधारी तलवार।

मीठी मीठी बनकर करती,
बड़े चाव से प्यार,
पीछे-पीछे करती देखो छल से वार हजार,
समझ न आवे दुनियांदारी
क्या है ये करतार।

ये दुनियां दोधारी तलवार।

लालाजी के अपने जलवे सेवा है व्यापार
बेईमानी करे सो खाये गाय हमारे यार
गुल्लक वाली गाय रखी है
काउंटर के पार
है अपना करम धरम का सार
ये दुनियां दोधारी तलवार।

बाबाजी का गूढ ज्ञान है,
अज्ञानी संसार,
माया त्यागे ईश मिलेंगे
वन्दे करे विचार,
श्रद्धा जाग्रत कर अर्पित कर
तू हो जा भवसागर के पार

ये दुनियाँ दोधारी तलवार।

देवतुल्य सब मातु पिता
करते बच्चों से प्यार,
इसे उठाया उसे गिराया
स्वार्थ परक व्यवहार,
भाई भाई भूल रहे हैं
राम भरत सा प्यार,
नैतिकता का पतन कर रही दाढी बड़े शिकार।

ये दुनियाँ दोधारी तलवार।

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 125 Views
Books from अनुराग दीक्षित
View all

You may also like these posts

मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
Pradeep Shoree
उसे दुःख होगा
उसे दुःख होगा
Rajender Kumar Miraaj
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
किसी के साथ वक्त बिताना एक अनमोल तोहफा है उसकी कद्र करके रिश
पूर्वार्थ
सात रंग के घोड़े (समीक्षा)
सात रंग के घोड़े (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
इंकलाब जिंदाबाद
इंकलाब जिंदाबाद
Khajan Singh Nain
गठजोड़ नही है
गठजोड़ नही है
Harinarayan Tanha
कुछ कहना था - बिंदेश कुमार झा
कुछ कहना था - बिंदेश कुमार झा
Mr. Jha
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
करते हैं जो हृदय- निमंत्रण झूठे हैं...
Priya Maithil
भुजंग प्रयात छंद
भुजंग प्रयात छंद
Rambali Mishra
राम राम जी
राम राम जी
Shutisha Rajput
गलतफहमी
गलतफहमी
Sudhir srivastava
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
Dr Archana Gupta
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
#सत्यकथा
#सत्यकथा
*प्रणय*
तहजीब राखिए !
तहजीब राखिए !
साहित्य गौरव
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
आँखें उदास हैं - बस समय के पूर्णाअस्त की राह ही देखतीं हैं
Atul "Krishn"
जीवन की नैया
जीवन की नैया
भरत कुमार सोलंकी
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
*काले-काले मेघों ने ज्यों, नभ का सुंदर श्रृंगार किया (राधेश्
Ravi Prakash
कलियुग की सीता
कलियुग की सीता
Sonam Puneet Dubey
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक  के प्यार में
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
Manoj Mahato
माँ का आँचल
माँ का आँचल
Indu Nandal
शुभ को छोड़ लाभ पर
शुभ को छोड़ लाभ पर
Dr. Kishan tandon kranti
अब तुझपे किसने किया है सितम
अब तुझपे किसने किया है सितम
gurudeenverma198
जिंदगी
जिंदगी
Adha Deshwal
कृपा से हमें
कृपा से हमें
Sukeshini Budhawne
शीर्षक -  आप और हम जीवन के सच
शीर्षक - आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
मेरे मौन का मान कीजिए महोदय,
शेखर सिंह
Loading...