नूतन संरचना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अच्छे बने रहने की एक क़ीमत हमेशा चुकानी पड़ती है….क़ीमत को इ
माया
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
इंतज़ार की रातें, लम्हों में ढूंढ रही हू प्यार,
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
भगवती दुर्गा तेरी महिमा- भजन -अरविंद भारद्वाज
మనిషి ఓ మరమనిషి తెలుసుకో ఈ ప్రపంచపది..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
आज़ादी की जंग में कूदी नारीशक्ति
......सबकी अपनी अपनी व्यथा.....
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बस मुझे मेरा प्यार चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
पूजा-स्थलों की तोडफोड और साहित्य में मिलावट की शुरुआत बौद्धकाल में (Demolition of places of worship and adulteration in literature began during the Buddhist period.)