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3 Jul 2021 · 1 min read

कटलो से ना कटे जीनिगी

कटलो से ना कटे जीनिगी
★★★★★★★★★★
कटलो से ना कटे जीनिगी भार हो गइल
जबसे काठ करेजा वाली से बा प्यार हो गइल

दिल देके हम तड़पत बानी चैन तनिक ना आवे
जे के खुश देखल चाहीले उहे रोज रोवावे
राह ना सूझे चारु ओर अन्हार हो गइल-
जबसे काठ करेजा वाली से बा प्यार हो गइल

जिनके पुतरी में रखनी हम आपन जान बना के
ऊहे रोज तमाशा देखस दिल में आग लगा के
ऊहे ले ना बैरी तअ संसार हो गइल-
जबसे काठ करेजा वाली से बा प्यार हो गइल

जेकरा के हम फूल समझनी बनल उहे अंगार
बार-बार पछताला जियरा काहें कइनी प्यार
सोच सोच के जीयल बा दुस्वार हो गइल-
जबसे काठ करेजा वाली से बा प्यार हो गइल

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 19/07/2019

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