“लक्ष्य पर केन्द्रित करती हैं मुश्किलें ll

“लक्ष्य पर केन्द्रित करती हैं मुश्किलें ll
मंजिलें एकत्रित करती हैं मुश्किलें ll
दिल प्यार मोहब्बत में बहकता रहता है,
दिमाग को एकाग्रचित्त करती हैं मुश्किलें ll
कठिन काम का हाथ थामकर आगे बढ़ते हुए,
एशो-आराम को प्रतिबंधित करती हैं मुश्किलें ll
हमारे होंसलों का होंसला बढ़ाती हैं,
हमारे डर को चित् करती हैं मुश्किलें ll
किसी को सीख, किसी को जीत देती हैं,
सभी का हित सुरक्षित करती हैं मुश्किलें ll”