Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 2 min read

यमराज की नसीहत

अपनी तारीफ सुनकर
यमराज दौड़ा दौड़ा मेरे पास आया
और तारीफों का दुखड़ा रोकर सुनाने लगा।
प्रभु! मेरी तारीफों पर रोक लगवा दो
बस इतना एहसान करा दो।
मैंने ढांढस बंधाते हुए पूछा
आखिर हुआ क्या है?
जो तुम्हें घायल कर गया है।
यमराज हाथ जोड़कर मासूमियत से कहने लगा
आपके लोक की माया मुझे समझ नहीं आई
जिसको जितना मान सम्मान दिया
उसने उतना ही मुझे रुलाया,
जिसे कभी तनिक भी सम्मान नहीं दिया
उसने मेरा भाव जी भरकर बढ़ाया।
आपके लोक की लीला बड़ी विचित्र है
यहाँ किसी को किसी की नहीं पड़ी है
लोग स्वार्थ में अँधे हो गये हैं,
तनिक लाभ के लिए रंग बदल रहे हैं
जाने किस किस को अपना बाप कह रहे हैं,
जोक्षऊपर से बड़ा लाड़ प्यार दिखा रहे हैं
ऐसे ही लोग पीठ पीछे वार कर रहे हैं
मेरी चिंता ही नहीं मेरे काम का बोझ भी बढ़ा रहे हैं
मुझे बेबस लाचार कर रहे हैं
जिसे अभी मरना नहीं जीना था
उसे जबरन मरने पर मजबूर कर रहे हैं।
मैंने उसे रोककर पूछा
आखिर! तू कहना क्या चाहता है?
तब यमराज ने हाथ जोड़कर कहा-
प्रभु! मैं कुछ नहीं कहना चाहता हूँ
मैं तो आपसे बस फरियाद कर रहा हूँ
बस! मेरी नौकरी के साथ मेरी जान भी बचा लो
अपने लोक के लोगों को तनिक समझा लो
मानव हैं तो मानव की तरह रहें
मेरी कार्य प्रणाली में अवरोध न उत्पन्न करें,
बेवजह असमय किसी को मरने को मजबूर न करें।
रिश्ता निभाएं या भाड़ में जाएं
बस मुझे गुस्सा न दिलाएं,
मरे या मारे पर यमलोक की व्यवस्था
बिगाड़ने का दुस्साहसिक कदम तो न उठाएं।
यमलोक की चुस्त दुरुस्त व्यवस्था में पलीता न लगाएं,
समझ में न आये तो धरती लोक पर ही
एक वैकल्पिक यमलोक बनवाएं
अपनी सुविधा से अपना यमराज रख लें
और हमसे ही नहीं हमारी सेना से दूरी बनाएं।
वरना वो दिन दूर नहीं कि लोग मरेंगे
पर उनकी आत्माएं यमलोक में नहीं पहुंच पायेंगी,
रास्ते में ही भटकती रही जायेंगी।
क्योंकि हम सिर्फ समयबद्ध आत्माओं को ही
उनकी मंजिल तक ले जायेंगे,
बाकी आत्माओं को रास्ते में ही छोड़ जायेंगे
तब धरती के लोग बहुत पछताएंगे
जब उनके अपनों की आत्माएं ही
उनकी जिंदगी को नरक बनाएंगे
तब वो क्या करें, ये हम भी नहीं बताएंगे
और पहले की तरह चैन की बंशी बजाएंगे
धरतीवासियों की बेबसी का आनंद उठायेंगे,
अपनी औकात पर हम भी उतर आयेंगे
और बेशर्मी से मुस्कराते हुए ठेंगा दिखाएंगे
धरती वाले हमारा तब भी कुछ बिगाड़ नहीं पायेंगे।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
124 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

"योमे-जश्ने-आज़ादी" 2024
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
Atul "Krishn"
Friendship Day
Friendship Day
Tushar Jagawat
कुछ तो बाक़ी
कुछ तो बाक़ी
Dr fauzia Naseem shad
अपनी कहानी में तुम भी सही हो,
अपनी कहानी में तुम भी सही हो,
jyoti jwala
करता ने कर्म से कहा
करता ने कर्म से कहा
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
लाइफ का कोई रिमोट नहीं होता
शेखर सिंह
बंदरबाँट
बंदरबाँट
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राही
राही
Neeraj Kumar Agarwal
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
**हो गया हूँ दर-बदर, चाल बदली देख कर**
**हो गया हूँ दर-बदर, चाल बदली देख कर**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
माँ मुझे जवान कर तू बूढ़ी हो गयी....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"जिन्दगी बदलें"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ रिश्ते
कुछ रिश्ते
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
बैंकर
बैंकर
Khajan Singh Nain
बचपन में घर घर खेलने वाले भाई बहन जब शादी के बाद अपना अपना घ
बचपन में घर घर खेलने वाले भाई बहन जब शादी के बाद अपना अपना घ
पूर्वार्थ देव
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
Dr. Narendra Valmiki
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पल पल जी रहा हूँ
पल पल जी रहा हूँ
हिमांशु Kulshrestha
वो एक रात 11
वो एक रात 11
सोनू हंस
प्रेम लौट आता है
प्रेम लौट आता है
Meenakshi Bhatnagar
अपनी धरती कितनी सुन्दर
अपनी धरती कितनी सुन्दर
Buddha Prakash
कविता
कविता
Meera Thakur
"रिश्तों में चतुराई"
Yogendra Chaturwedi
"इश्क़ वर्दी से"
Lohit Tamta
छटपटाहट
छटपटाहट
Saraswati Bajpai
मुहब्बत का वास्ता
मुहब्बत का वास्ता
Shekhar Chandra Mitra
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रागात्मकता +रमेशराज
कवि रमेशराज
ससुराल में साली का
ससुराल में साली का
Rituraj shivem verma
Loading...