Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

अम्बर में अनगिन तारे हैं।

अम्बर में अनगिन तारे हैं।

रोज रात में खिल जाते हैं
आपस में हिलमिल जाते हैं,
रखते उर में वैर नहीं हैं
मिलते जैसे गैर नहीं हैं।

भूतल से लगते न्यारे हैं
अम्बर में अनगिन तारे हैं।

टिमटिम करके रैन सजाते
लगते सुर में हैं सब गाते,
रात-रात भर जगने वाले
शुभ्र-ज्योत्सना मुख पर डाले।

नूतन ही लगते सारे हैं
अम्बर में अनगिन तारे हैं।

कितने तारे टूट पड़े हैं
नील गगन से छूट पड़े हैं,
नहीं भाग्य का रोना रोते
दामन अपना नहीं भिगोते।

विपदा से ये कब हारे हैं
अम्बर में अनगिन तारे हैं।

आता जब उज्ज्वल प्रभात है
तारों की रहती न पाँत है,
थके-थके से घर को जाते
नई चेतना फिर भर लाते।

रात्रि पुनः खिलते प्यारे हैं
अम्बर में अनगिन तारे हैं।

अनिल मिश्र प्रहरी।

Language: Hindi
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Anil Mishra Prahari
View all

You may also like these posts

नीयत में पैमान मिलेगा।
नीयत में पैमान मिलेगा।
पंकज परिंदा
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
पराया
पराया
Mansi Kadam
"रूहों के सफर में"
Dr. Kishan tandon kranti
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
*पल्लव काव्य मंच द्वारा कवि सम्मेलन, पुस्तकों का लोकार्पण तथ
Ravi Prakash
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
राहों में खिंची हर लकीर बदल सकती है ।
Phool gufran
दिल की दुनिया सबसे अलग है
दिल की दुनिया सबसे अलग है
gurudeenverma198
दोहा पंचक. . . . . होली
दोहा पंचक. . . . . होली
sushil sarna
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
शिकायत करते- करते
शिकायत करते- करते
Meera Thakur
चन्द्रघन्टा
चन्द्रघन्टा
surenderpal vaidya
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
Nitesh Shah
*रिश्तों में दरारें*
*रिश्तों में दरारें*
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
चांद सा खुबसूरत है वो
चांद सा खुबसूरत है वो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
मंजिलों की तलाश में रास्ते पर भटकता रहा जब होश आया, तो पता च
मंजिलों की तलाश में रास्ते पर भटकता रहा जब होश आया, तो पता च
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
कब तक अंधेरा रहेगा
कब तक अंधेरा रहेगा
Vaishaligoel
थोङा कड़वा है मगर #लङकियो के लिए सत्य है ।
थोङा कड़वा है मगर #लङकियो के लिए सत्य है ।
Rituraj shivem verma
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
समीक्षा ,कर्त्तव्य-बोध (कहानी संग्रह)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हौसला जिद पर अड़ा है
हौसला जिद पर अड़ा है
दीपक बवेजा सरल
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विरह व्यथा
विरह व्यथा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
3719.💐 *पूर्णिका* 💐
3719.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
महात्मा गांधी– नज़्म।
महात्मा गांधी– नज़्म।
Abhishek Soni
बारह ज्योतिर्लिंग
बारह ज्योतिर्लिंग
सत्य कुमार प्रेमी
एक लड़ाई जो आप जीतते हैं
एक लड़ाई जो आप जीतते हैं
पूर्वार्थ
🙅आम चुनाव🙅
🙅आम चुनाव🙅
*प्रणय प्रभात*
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
ना कर नज़रंदाज़ देखकर मेरी शख्सियत को, हिस्सा हूं उस वक्त का
SUDESH KUMAR
अभावों में देखों खो रहा बचपन ।
अभावों में देखों खो रहा बचपन ।
Dr fauzia Naseem shad
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
जुदाई की शाम
जुदाई की शाम
Shekhar Chandra Mitra
Loading...