मंजिलों की तलाश में रास्ते पर भटकता रहा जब होश आया, तो पता च

मंजिलों की तलाश में रास्ते पर भटकता रहा जब होश आया, तो पता चला रास्ते ही हमारे गुरु थे।।।
✍️✍️✍️
अभिलेश श्रीभारती
सामाजिक शोधकर्ता, विश्लेषक, लेखक
मंजिलों की तलाश में रास्ते पर भटकता रहा जब होश आया, तो पता चला रास्ते ही हमारे गुरु थे।।।
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अभिलेश श्रीभारती
सामाजिक शोधकर्ता, विश्लेषक, लेखक