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13 Feb 2024 · 1 min read

नये अमीर हो तुम

दुआ लबों पे तो आंखों में बन्दगी रखना
नये अमीर हो तुम ख़ुद को आदमी रखना

बुलन्दियों पे पहुंचकर बदल न जाना तुम
बुलन्दियों पे पहुंचना तो सादगी रखना

उतर न जाए कोई रंज दिल में गहरे तक
हरेक रंज का अहसास काग़ज़ी रखना

कभी-कभी तेरे अपने भी रंग बदलेंगे
ज़रा सी बात पे सबसे न दुश्मनी रखना

हवा बुझाएगी जलते हुए चराग़ों को
तेरा है काम अंधेरों में रोशनी रखना

— शिवकुमार बिलगरामी

Language: Hindi
2 Likes · 170 Views
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