Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Feb 2024 · 1 min read

किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल

किसी सहरा में तो इक फूल है खिलना बहुत मुश्किल
इबादत के बिना तुझको ख़ुदा मिलना बहुत मुश्किल

निकलता तो है मशरिक़ से ही मग़रिब के लिए ही वो
मगर सूरज का मंसब से तो है हिलना बहुत मुश्किल

जिसे बिछड़े हुए मुझसे तो मुद्दत हो गई है अब
किसी अनजान रस्ते में तो है मिलना बहुत मुश्किल

हवा की है चराग़ों से बड़ी गहरी यहाँ रंजिश
कभी भी आग में पानी का है मिलना बहुत मुश्किल
~अंसार एटवी

134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कहानी न पूछो
कहानी न पूछो
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
*मेला लगता कुंभ का, भारत का इतिहास (कुंडलिया)*
*मेला लगता कुंभ का, भारत का इतिहास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुख धाम
सुख धाम
Rambali Mishra
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
VINOD CHAUHAN
इतिहास का वो भयावह दिन
इतिहास का वो भयावह दिन
Dr. Kishan tandon kranti
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
श्याम लाल धानिया
प्रेम के खत न मैं लिख सकूंगा सनम।
प्रेम के खत न मैं लिख सकूंगा सनम।
अनुराग दीक्षित
तुम्हीं सदगुरु तारणहार
तुम्हीं सदगुरु तारणहार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
पाखंड का खेल
पाखंड का खेल
पूर्वार्थ
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
मेरा एक छोटा सा सपना है ।
PRATIK JANGID
कल चमन, गुलजार होगा.....
कल चमन, गुलजार होगा.....
TAMANNA BILASPURI
तपे तज़ुर्बे की लौ में वर्षों, फिर साँचे में ढलकर निकले,
तपे तज़ुर्बे की लौ में वर्षों, फिर साँचे में ढलकर निकले,
jyoti jwala
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
मैंने देखा नहीं रंगों से जुदा करके उसे ,
मैंने देखा नहीं रंगों से जुदा करके उसे ,
P S Dhami
मै नर्मदा हूं
मै नर्मदा हूं
Kumud Srivastava
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति क्या है
प्रेमदास वसु सुरेखा
"खुशी एक मानसिक स्थिति है, जो बाहर से नहीं बल्कि भीतर से आती
पूर्वार्थ देव
डरते हो क्या तुम भी मुझे खोने से?
डरते हो क्या तुम भी मुझे खोने से?
Jyoti Roshni
तुम से मोहब्बत है
तुम से मोहब्बत है
Surinder blackpen
दोहा
दोहा
Neelofar Khan
*पितृ-दिवस*
*पितृ-दिवस*
Pallavi Mishra
*कालरात्रि महाकाली
*कालरात्रि महाकाली"*
Shashi kala vyas
"जीवन का सच्चा सुख"
Ajit Kumar "Karn"
प्रिये
प्रिये
Johnny Ahmed 'क़ैस'
यही है मेरा संसार
यही है मेरा संसार
gurudeenverma198
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
झूठों की मंडी लगी, झूठ बिके दिन-रात।
Arvind trivedi
पीड़ाएँ
पीड़ाएँ
Niharika Verma
ఆ సమయం అది.
ఆ సమయం అది.
Otteri Selvakumar
Loading...