Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 2 min read

*पितृ-दिवस*

पिता होते हैं परिवार की धूरी –
जिनके बिना रहती है
बच्चों की दुनिया अधूरी –
यह सच है मां
अतुल्य कष्ट सहकर
संतान को जन्म देती है
लेकिन हम नजरअंदाज नहीं कर सकते
पिता की कुर्बानियों को –
जो लहू का कतरा देकर भी उठाते हैं
परिवार की जिम्मेदारियों को –
दूर करते हैं
बच्चों की परेशानियों को –
और यदा-कदा सहते हैं
हंसकर उनकी मनमानियों को –
अपना खून-पसीना बहाकर
जुटाते हैं परिवार के लिए
सुख-सुविधा के संसाधन –
उनकी खुशियों के लिए
अक्सर करते हैं
निस्वार्थ भाव से
अपनी इच्छाओं का दमन –

प्रतिफल की आशा किए बिना
लुटाते हैं सब पर अपना प्यार –
लेकिन यदा-कदा ही मिलता है उनको
अपनों का आभार –
माता की तो ख़ैर किसी से
तुलना ही बेकार है –
लेकिन पिता की धूरी भी तो
उनका घर परिवार है –
अगर कर्तव्य में चूक गए
तो क्या समाज,
क्या परिवार –
क्या दोस्त,
क्या रिश्तेदार –
उन्हें कोई नहीं करता है माफ –
अपनी ही संतानों से उनको बहुधा
मिलता नहीं है इंसाफ –

एक राम थे जिन्होंने
पितृ वचन का सम्मान किया –
एक श्रवण कुमार ने
मात-पिता की भक्ति में
अपना जीवन दान दिया –
आज की पीढ़ी को भी उनसे
कुछ सीख लेनी चाहिए
जीवन भर,
पग-पग पर जिस पिता ने
अपने बच्चे का भविष्य संवारा है
दी उसको अपनी थाती है –
वो भी तो जीवन के उत्तरार्ध में
अपने पिता को यह संबल दे
कि आगे के जीवन-पथ पर
वो ही उनकी लाठी है –

यही संदेश आज सभी के
घर-घर में पहुंचाना है –
और एक ही दिन नहीं
साल के हर दिन
पितृ-दिवस मनाना है।

Language: Hindi
209 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pallavi Mishra
View all

You may also like these posts

मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
ठोकर
ठोकर
Shekhar Chandra Mitra
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
*खिलवाओ दावत अगर, छप्पन भोगों संग (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अवतार
अवतार
Shweta Soni
करगिल के वीर
करगिल के वीर
Shaily
*ये आती और जाती सांसें*
*ये आती और जाती सांसें*
sudhir kumar
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
कई बार मन करता है रोया जाए... खूब रोया जाए... किसी ऐसे के सा
कई बार मन करता है रोया जाए... खूब रोया जाए... किसी ऐसे के सा
पूर्वार्थ देव
बेटी का हक़
बेटी का हक़
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
अश्विनी (विप्र)
बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए।
बदलती हवाओं का स्पर्श पाकर कहीं विकराल ना हो जाए।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
" मगर "
Dr. Kishan tandon kranti
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
मुफ़लिसों को बांटिए खुशियां खुशी से।
सत्य कुमार प्रेमी
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से।
पेड़ सी सादगी दे दो और झुकने का हुनर डालियों से।
Madhu Gupta "अपराजिता"
बैरागी
बैरागी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
फिलहाल अंधभक्त धीरे धीरे अपनी संस्कृति ख़ो रहे है
शेखर सिंह
पिता आख़िर पिता है
पिता आख़िर पिता है
Dr. Rajeev Jain
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय प्रभात*
बातों बातों में!
बातों बातों में!
Jaikrishan Uniyal
काश की हमने तुझसे, ये दिल लगाया न होता।
काश की हमने तुझसे, ये दिल लगाया न होता।
श्याम सांवरा
इतिहास जानता था कि अब वो जाने वाली है
इतिहास जानता था कि अब वो जाने वाली है
Jitendra kumar
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
Neelofar Khan
Between the two worlds - 8,000 B.C
Between the two worlds - 8,000 B.C
Shashi Mahajan
जीवन रश्मि
जीवन रश्मि
Neha
Loading...