तपे तज़ुर्बे की लौ में वर्षों, फिर साँचे में ढलकर निकले,

तपे तज़ुर्बे की लौ में वर्षों, फिर साँचे में ढलकर निकले,
यूँ ही नही यकीं है खुद पर, तूफ़ानों में जलकर निकले,
तपे तज़ुर्बे की लौ में वर्षों, फिर साँचे में ढलकर निकले,
यूँ ही नही यकीं है खुद पर, तूफ़ानों में जलकर निकले,