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9 Feb 2024 · 1 min read

गजल सी जिन्दगी

गजल सी जिन्दगी

एक दूजे को पियारे हो गए।
हम तुम्हारे तुम हमारे हो गए।।1
2122, 2122, 212
जिंदगी मे आ गई जब से बहर।
सामने सुंदर नजारे हो गए।।2

एक मिसरा दूसरे से कह रहा।
एक दूजे के सहारे हो गए।।3

काफिया जब एक सी है हो गई ।
बिन कहे कुछ यूँ इशारे हो गये।।4

मन मिला यूँ रदीफ़ सा तो देखिये।
एक लय तुक तान सारे हो गये।।5

जब गजल माफिक हुई है जिंदगी।
शब्द सारे ही सितारे हो गए।।6

एक मक्ता इश्क-ए-‘कौशल’ मिला।
सच मुहब्बत के जकारे हो गए।।7
कौशल

Language: Hindi
96 Views
Books from Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
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