रुपया दिया जायेगा,उसे खरीद लिया जायेगा
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
हां मैंने ख़ुद से दोस्ती की है
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
मैं अक्सर देखता हूं कि लोग बड़े-बड़े मंच में इस प्रकार के बय
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
अपनी काविश से जो मंजिल को पाने लगते हैं वो खारज़ार ही गुलशन बनाने लगते हैं। ❤️ जिन्हे भी फिक्र नहीं है अवामी मसले की। शोर संसद में वही तो मचाने लगते हैं।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आज अंधेरे से दोस्ती कर ली मेंने,
हनुमत पूंछ चूमता देखा, रावण सोचा पूंछ है प्यारी। आग लगा दो प
आखिर कुछ तो सबूत दो क्यों तुम जिंदा हो
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में जितना बदलाव हमा
Poetry Writing Challenge-2 Result