Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jan 2024 · 1 min read

कवि मोशाय।

जहाँ न पहुँचे ओज रवि,पहुँचे कवि मोशाय।
मंच प्रपंच मलीन सब, रहे ठहाके लाय।।
रहे ठहाके लाय, छूटे हँसी फव्वारे।
गुँजित हैं धरा गगन, लोट पोट हुए सारे।।
जन में भरे उमंग,शेष परिवेश अब कहाँ।
भरदें हृदय नव रंग,हास्य कवि पहुँचे जहाँ।।
नीलम शर्मा ✍️

1 Like · 236 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्राप्त हो जिस रूप में
प्राप्त हो जिस रूप में
Dr fauzia Naseem shad
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
उनको ही लाजवाब लिक्खा है
अरशद रसूल बदायूंनी
जिंदगी से जिंदगी को ,
जिंदगी से जिंदगी को ,
रुपेश कुमार
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
” कभी – कभी “
” कभी – कभी “
ज्योति
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
हवा चल रही
हवा चल रही
surenderpal vaidya
दोहापंचक. . . आस्था
दोहापंचक. . . आस्था
sushil sarna
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
खेती-बारी पर आधारित आठ गो दोहा
आकाश महेशपुरी
*मंडलीय गजेटियर में रामपुर के शीर्ष व्यक्तित्वों का व
*मंडलीय गजेटियर में रामपुर के शीर्ष व्यक्तित्वों का व
Ravi Prakash
आजकल मैं
आजकल मैं
Chitra Bisht
sp 58 दुनिया का बहु रंगी मेला
sp 58 दुनिया का बहु रंगी मेला
Manoj Shrivastava
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल
गौभक्त और संकट से गुजरते गाय–बैल
Dr MusafiR BaithA
सन्यासी का सच तप
सन्यासी का सच तप
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
😊 *शब्बा-ख़ैर* 😊
😊 *शब्बा-ख़ैर* 😊
*प्रणय प्रभात*
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह
Rituraj shivem verma
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
विजय कुमार अग्रवाल
दुःख और मेरे मध्य ,असंख्य लोग हैं
दुःख और मेरे मध्य ,असंख्य लोग हैं
पूर्वार्थ देव
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
घर में बैठक अब कहां होती हैं।
घर में बैठक अब कहां होती हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
राम आयेंगे
राम आयेंगे
Sudhir srivastava
आने वाला कल
आने वाला कल
Kaviraag
होली सा कर दो
होली सा कर दो
Vivek Pandey
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
पिघलता चाँद ( 8 of 25 )
Kshma Urmila
जी करता है
जी करता है
हिमांशु Kulshrestha
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
Someday you'll look back and realize that you overcame all o
पूर्वार्थ
- तेरी चाहत में -
- तेरी चाहत में -
bharat gehlot
किसी से कोई शिकायत नहीं
किसी से कोई शिकायत नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
Subhash Singhai
Loading...