Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Sep 2024 · 3 min read

प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नह

प्रयागराज में तैयारी के दौरान की गई पनीर पार्टी कभी भुलाई नहीं जा सकती….

अगर आपको लगता है इलाहाबाद में रहने वाले प्रतियोगी छात्र सिर्फ दाल चावल ही खाते हैं तो आप बिल्कुल गलत है या फिर आप उनके बारे में जो कुछ भी जानते हैं वह आधा अधूरा है यह रात्रि में सब्जी और रोटी अधिक बनाते हैं.. उसमें चावल और पूरी ऑप्शनल होता है। रात्रि में इनके इन छात्रों के रूम पर अगर कोई आता है तो उसका स्वागत रात्रि के खाने में मटर पनीर की सब्जी से किया जाता है वहीं जब खुशी की बात होती है..या उनके कमरे पर कोई मित्र आ जाए… या कोई नए छात्र को कमरा दिलाना हो,और सब कुछ सेटल होने के बाद पनीर पार्टी होती है। या कई दिनों के बाद किसी मित्र से मुलाकात हो, तो पनीर पार्टी होती है। किसी का बर्थडे हो तो केक काटने पर कम फोक्स होता है और पनीर की पार्टी पर अधिक कुल मिलाकर कहें हर छोटी बड़ी खुशी को इसी के साथ सेलिब्रेट किया जाता है यह मांसाहार करने वाले और शाकाहार करने वाले सभी को आपस में मिला देती है यहां के ज्यादातर विद्यार्थी मांस से परहेज करते हैं.. तो कहीं-कहीं मकान मालिक भी मांसाहार बनाने से रोकते हैं ऐसे में पार्टी के नाम पर उनके पास अच्छा खाने के लिए मटर पनीर की सब्जी सबसे बेहतरीन रहती है.. बाकी अपने मटर पनीर की सब्जी का जलवा तो देख ही लिया है कि भारत पर कोई भी शादी विवाह छोटा फंक्शन हो बिना पनीर के सब्जी के संपन्न नहीं होता हैं। लेकिन विद्यार्थियों के कमरे पर बना मटर पनीर शादी में किसी एक्सपर्ट हलवाई से बनाए गए पनीर से पनीर के स्वाद से काम नहीं होता क्योंकि यहां पनीर पार्टी करने वाले छात्र हर छात्रों के फ्रेंड सर्कल में पनीर की बेहतरीन और लज्जित सब्जी बनाने वाला एक छात्र जरूर होता था और ऐसे शुभ अवसरों पर उसे जरूर से जरूर पनीर पार्टी में शामिल किया जाता था उसके बाद सब मिलजुल कर हर काम में अपना-अपना सहयोग देते थे कुछ लोग प्याज छीलने में सहयोग देते हैं तो कुछ लोग लहसुन छिलने साथ में मसाला कूटने में भी अपना योगदान देते हैं और इस दौरान मोबाइल पर कई पसंदीदा गाने बजाए जाते हैं ज्यादातर लोग भोजपुरी गाने पर फोकस करते हैं …
इस पार्टी के दौरान दो ग्रुप होते हैं एक ग्रुप सब्जी को पनीर की सब्जी को बेहतरीन ढंग से बनने पर अपना फोकस रखना है तो दूसरा ग्रुप अच्छी-अच्छी रोटियां बनाने पर अपना ध्यान केंद्रित करता है इस दौरान ढेर सारी बातें और एक दूसरे मित्र की हंसी ढीढोली और खींचाई चलती रहती है…
खाना बनने के बाद पनीर बांटने में अपनी मैथमेटिक्स का भरपूर इस्तेमाल करते हैं और इस बात का ध्यान इस समय रखा जाता है कि पनीर के कितने टुकड़े करना है जिससे बराबर बराबर सभी को मिले इस बात को ध्यान में रखते हुए पनीर की सब्जी थाली में निकल जाती है इस दौरान जो बात कही होती है अद्भुत कई बार तो ज्ञान की गंगा और कई घुड रहस्य वाली बातें इस दौरान पता चलती है
यहां दोस्तों के साथ पनीर खाकर जो स्वाद और आनंद आता है वह आपको कहीं और नहीं मिल पाएगा। इलाहाबाद में अगर रहकर कभी पनीर पार्टी की हो तो आपके ग्रुप पर सबसे अच्छी मटर पनीर की सब्जी कौन बनाता था? अपने किन-किन अवसरों पर अपने मित्र को पनीर पार्टी दी है?

156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कभी मिलूँगा तुमसे से दोहराऊँगा सारी बातें...
कभी मिलूँगा तुमसे से दोहराऊँगा सारी बातें...
शिवम "सहज"
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
इंजीनियर, लॉयर, एथलीट के बाद अब रॉयल ऑफिसर नरेंद्र ढिल्लों
इंजीनियर, लॉयर, एथलीट के बाद अब रॉयल ऑफिसर नरेंद्र ढिल्लों
सुशील कुमार 'नवीन'
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
कवि और कविता
कवि और कविता
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
ज़माने भर को हर हाल में हंसाने का हुनर है जिसके पास।
शिव प्रताप लोधी
पारा !!
पारा !!
Jaikrishan Uniyal
श्री राम
श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
साल का पहला त्यौहार
साल का पहला त्यौहार
Rekha khichi
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
अश्विनी (विप्र)
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
रिश्तों की आड़ में
रिश्तों की आड़ में
Chitra Bisht
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
बाबा तेरा इस कदर उठाना ...
Sunil Suman
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
गज़ल बन कर किसी के दिल में उतर जाता हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल खोल कर रखो
दिल खोल कर रखो
Dr. Rajeev Jain
रियायत कौन देता है दूकानदारी में,तंग हाथ रखे जाते हैं खरीददा
रियायत कौन देता है दूकानदारी में,तंग हाथ रखे जाते हैं खरीददा
पूर्वार्थ
लोहड़ी
लोहड़ी
Savitri Dhayal
माँ
माँ
Shyam Sundar Subramanian
“समझा करो”
“समझा करो”
ओसमणी साहू 'ओश'
*
*"विपक्ष का वेल में" और
*प्रणय प्रभात*
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
तुम्हारी आँखें।
तुम्हारी आँखें।
Priya princess panwar
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
" चेतावनी "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहे
दोहे
गुमनाम 'बाबा'
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
इंसान की भूख कामनाएं बढ़ाती है।
Rj Anand Prajapati
शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
जीना यदि चाहते हो...
जीना यदि चाहते हो...
आकाश महेशपुरी
जमाना चला गया
जमाना चला गया
Pratibha Pandey
Loading...