Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2024 · 1 min read

किसी से कोई शिकायत नहीं

किसी से कोई शिकायत नहीं
किसी से कोई उम्मीद नहीं
खुश हूं मैं मेरी दुनियां में
मुझे समझदारी का शौक नहीं
_ सोनम पुनीत दुबे

99 Views
Books from Sonam Puneet Dubey
View all

You may also like these posts

3155.*पूर्णिका*
3155.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय*
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
जिंदगी है कोई मांगा हुआ अखबार नहीं ।
Phool gufran
- हम कोशिश करेंगे -
- हम कोशिश करेंगे -
bharat gehlot
सफ़र
सफ़र
Kush Dogra
भरोसा
भरोसा
Uttirna Dhar
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
प्रेमी चील सरीखे होते हैं ;
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
जब कोई दिल से जाता है
जब कोई दिल से जाता है
Sangeeta Beniwal
विदाई
विदाई
Rajesh Kumar Kaurav
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
कृपाण घनाक्षरी (करवा चौथ )
guru saxena
कलाधर छंद
कलाधर छंद
Subhash Singhai
एहसास
एहसास
Dr fauzia Naseem shad
सत्याधार का अवसान
सत्याधार का अवसान
Shyam Sundar Subramanian
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि का परिचय।
Dr. Narendra Valmiki
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
मोहब्बत ना सही तू नफ़रत ही जताया कर
Gouri tiwari
मित्र और मित्रता
मित्र और मित्रता
Sudhir srivastava
हम क्यूं लिखें
हम क्यूं लिखें
Lovi Mishra
इश्क तू जज़्बात तू।
इश्क तू जज़्बात तू।
Rj Anand Prajapati
"रिश्ते के आइने चटक रहे हैं ll
पूर्वार्थ
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
अमावस सी है तेरी जुल्फें।
अमावस सी है तेरी जुल्फें।
Rj Anand Prajapati
हर जुमले में तेरा ज़िक्र था
हर जुमले में तेरा ज़िक्र था
Chitra Bisht
दोहा पंचक. . . मकरंद
दोहा पंचक. . . मकरंद
sushil sarna
घर की कैद
घर की कैद
Minal Aggarwal
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
Ravi Betulwala
"याद होगा"
Dr. Kishan tandon kranti
” मेरी लेखनी “
” मेरी लेखनी “
ज्योति
समय
समय
कुमार अविनाश 'केसर'
ग्रीष्म
ग्रीष्म
Kumud Srivastava
Loading...