Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2024 · 1 min read

गणतंत्र का जश्न

आइये, तिरंगा फहरायें,
वन्देमातरम् जयघोष लगायें।
कहे केसरिया, हरा, सफेद,
जाति – धर्म का न रहे भेद ।
अपनी धरा, गगन है अपना,
मंजिल अपनी, अपना सपना,
प्रगति-पथ पर कदम बढ़ायें।
वन्देमातरम् …..!!
राष्ट्र-हित में कर्म करें हम,
निज-बलिदान से न डरे हम
हम भारतीय हैं कहें शान से,
मिट जायें तिरंगे की आन पे,
गणतंत्र का मिल जश्न मनायें।
वन्देमातरम्…..।
रचनाकार : कंचन खन्ना, मुरादाबाद, ( उ०प्र०, भारत )।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक : २३/०१/२०२१ .

Language: Hindi
Tag: गीत
129 Views
Books from Kanchan Khanna
View all

You may also like these posts

सत्य एक श्री राम
सत्य एक श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
मेरा देश
मेरा देश
Santosh kumar Miri
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
आत्महत्या करके मरने से अच्छा है कुछ प्राप्त करके मरो यदि कुछ
Rj Anand Prajapati
आखिरी वक्त में
आखिरी वक्त में
Harminder Kaur
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
कुछ पल अपने लिए
कुछ पल अपने लिए
Mukesh Kumar Sonkar
Go wherever, but only so far,
Go wherever, but only so far,"
पूर्वार्थ
सु
सु
*प्रणय*
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
हरि हरि के जाप ने हर लिए सारे कष्ट...
Jyoti Khari
चाँद की मोहब्बत
चाँद की मोहब्बत
seema sharma
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
माहिया छंद विधान (पंजाबी ) सउदाहरण
Subhash Singhai
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
मजहब का नही पता, सनातन का पता बन जायेगा,
P S Dhami
महकता इत्र
महकता इत्र
BIPIN KUMAR
नारी
नारी
Nitesh Shah
विचित्र ख्याल
विचित्र ख्याल
RAMESH Kumar
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
aestheticwednessday
உனக்கு என்னை
உனக்கு என்னை
Otteri Selvakumar
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*An Awakening*
*An Awakening*
Poonam Matia
समय लगेगा धैर्य रख।
समय लगेगा धैर्य रख।
Author NR Omprakash Athak
ये अल्लाह मुझे पता नहीं
ये अल्लाह मुझे पता नहीं
Shinde Poonam
4806.*पूर्णिका*
4806.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - ज़िंदगी इक फ़िल्म है -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आडम्बर के दौर में,
आडम्बर के दौर में,
sushil sarna
*प्राकृतिक संगीत*
*प्राकृतिक संगीत*
Shashank Mishra
रोशनी का दरिया
रोशनी का दरिया
Rachana
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
Dr fauzia Naseem shad
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
हम ही हैं पहचान हमारी जाति हैं लोधी.
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
बायण बायण म्है करूं, बायण  म्हारी  मात।
बायण बायण म्है करूं, बायण म्हारी मात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...