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26 Jan 2024 · 1 min read

ओस की बूंदें

आज दिल बहुत शायराना है,
शायद मौसम का हमें किसी,
से मिलाने का बहाना है।

ओस की ये बूंदें फूलों को,
चमका रही हैं।
शायद दो दिलों की ये दास्तां ,
बता रहीं हैं।

अरे! उस अजनबी से तो ,
ये ओस की बूंदें अच्छी है।
जो बेखोप हमारे चेहरे ,
पर तो टिकी हैं।

इस धुंध का भी अपना,
ही एक नजारा है।
एसा लगता है मानों ये जहां,
बेगाना होकर भी हमारा है।

Language: Hindi
1 Like · 131 Views

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