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14 Jan 2024 · 1 min read

*निर्धनता सबसे बड़ा, जग में है अभिशाप( कुंडलिया )*

निर्धनता सबसे बड़ा, जग में है अभिशाप( कुंडलिया )
________________________________
निर्धनता सबसे बड़ा , जग में है अभिशाप
किसने इज्जत से कहा ,निर्धन को श्री-आप
निर्धन को श्री – आप , लताड़ा हरदम जाता
रिश्तेदार न पास , कभी उसको बैठाता
कहते रवि कविराय , बैर सुख से है ठनता
जीवन का उपहास , उड़ाती नित निर्धनता
~~~~`~~~~~~~~~~~~~~`~
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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