Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2024 · 1 min read

पूर्ण जागृत जीवन जीने के लिए हमें ध्यान को अपनाना होगा, अपने

पूर्ण जागृत जीवन जीने के लिए हमें ध्यान को अपनाना होगा, अपने मार्ग को जागरूक के साथ मज़बूत करना होगा, तभी हम पूर्ण आनंदित की ओर बढ़ेंगे।
~ रविकेश झा

113 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

* बडा भला आदमी था *
* बडा भला आदमी था *
भूरचन्द जयपाल
" लेकिन "
Dr. Kishan tandon kranti
The Weight of Years
The Weight of Years
Shyam Sundar Subramanian
सच की राह दिखाऊंगा
सच की राह दिखाऊंगा
Rajesh vyas
जीवन की सोच/JIVAN Ki SOCH
जीवन की सोच/JIVAN Ki SOCH
Shivraj Anand
चंचल मन
चंचल मन
Dinesh Kumar Gangwar
न करें परवरिश मे गलतियाँ
न करें परवरिश मे गलतियाँ
Ashwani Kumar Jaiswal
गुजरे ज़माने वाले।
गुजरे ज़माने वाले।
Taj Mohammad
सपना
सपना
Lalni Bhardwaj
नज़्म
नज़्म
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय प्रभात*
अशकों से गीत बनाता हूँ
अशकों से गीत बनाता हूँ
Kanchan Gupta
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
लफ्जों को बहरहाल रखा...!!
Ravi Betulwala
फिर कुछ अपने
फिर कुछ अपने
Chitra Bisht
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
Dr. Sunita Singh
क्षणिका
क्षणिका
sushil sarna
दोहे
दोहे
seema sharma
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
gurudeenverma198
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी
लक्ष्मी सिंह
टूटते रिश्ते
टूटते रिश्ते
Harminder Kaur
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
दूसरो की लाइफ मैं मत घुसा करो अपनी भी लाइफ को रोमांचक होगी।
Iamalpu9492
मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
Pradeep Shoree
जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही
जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही
ललकार भारद्वाज
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
वो ज़माना कुछ और था जब तस्वीरों में लोग सुंदर नही थे।
Rj Anand Prajapati
परीक्षा का सफर
परीक्षा का सफर
पूर्वार्थ
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
भ्रष्टाचार संकट में युवकों का आह्वान
अवध किशोर 'अवधू'
*मेला (बाल कविता)*
*मेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अभी तो आये थे तुम
अभी तो आये थे तुम
प्रदीप कुमार गुप्ता
हमे कोई नहीं समझ पाया है
हमे कोई नहीं समझ पाया है
Jyoti Roshni
हो जायेंगे शीघ्र ही, पन्ने सभी खराब.
हो जायेंगे शीघ्र ही, पन्ने सभी खराब.
RAMESH SHARMA
Loading...