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19 Oct 2024 · 1 min read

कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना

कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना

पल में हँसती है पल में मुस्कुराती है
पल में दुख में बदल जाती है पल पल पास बुलाती है
पल पल मौत के करीब ले जाती है
सच कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना..

कुछ पाने की चाहत मन मे जगाती हैफिर उसी मन को कच्चा कर जाती है
प्यार का एहसास बार बार कराती हैफिर उसी प्यार को छीन ले जाती है
सच कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना..

बार बार चलना सिखाती है बार बार ठोकर मार कर गिराती है
बार बार चोट पहुंचाती है फिर खुद ही मरहम लगाती है
सच कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना..

मैं ना हँसती हूँ , ना रो पाती हूँ जिंदगी के खेल में कहां मैं टिक पाती हूँ
करती हूँ कोशिश संभलने की पर हर कदम लड़खड़ा जाती हूँ
बार बार खुद में ही खो जाती हूँ सच कितना मुश्किल है जिंदगी को समझ पाना

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