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17 Feb 2024 · 1 min read

आप सुनो तो तान छेड़ दूं

गीत
आप सुनो तो तान छेड़ दूं, मन के गीत सुनाने को
सर सर सर बहती है सरिता, मन के भाव जताने को
चंदा ने चुनरी फहराई, तारों का मस्तक चूमा
इठलाई बलखाई नदिया, देख नज़ारा मन झूमा
कौन सुने अब मन की बातें, घर सागर के जाने को
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, मन के गीत सुनाने को।।
पोर-पोर में पीर समाई, सुबक- सुबक नैना रोये
जब जब बरसे मेघा पागल, बैठे बैठे दिल खोये
बड़ी है आकुल मन की कश्ती, खुद ही मर मिट जाने को
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, मन के गीत सुनाने को।।
मेरा जीवन उसका जीवन, किसका जीवन क्या कहना
रास रंग की देख तरंगे, अद्भुत हैं दिल में रखना
लहर लहर फिर लहर लहर है, सागर गंगा जाने को
आप सुनो तो तान छेड़ दूँ, मन के गीत सुनाने को।।
सूर्यकान्त द्विवेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
140 Views
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