Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2023 · 1 min read

दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,

दुनिया की बातों में न उलझा कीजिए,
खुद से भी कभी प्यार किया कीजिए।

भरी महफ़िल में तन्हा रहना अच्छा नहीं है,
चुनिंदा दोस्तों से भी पहचान किया कीजिए।

हम जैसे नादानों को नजरंदाज करने वालों,
अपनी गिरेबां में झांककर भी देखा कीजिए।

ज्यादा सयानों से पहचान भी ठीक नहीं है,
कुछ हम जैसे नादान भी रखा कीजिए।

~करन केसरा~

1 Like · 294 Views

You may also like these posts

साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
Shashi Mahajan
पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
पास के लोगों की अहमियत का पता नहीं चलता
Ajit Kumar "Karn"
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं
कोई जोखिम नहीं, कोई महिमा नहीं"
पूर्वार्थ
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
3761.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"एक अग्नि की चिंगारी काफी है , जंगल जलाने के लिए l एक बीज का
Neeraj kumar Soni
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
पं अंजू पांडेय अश्रु
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
Rekha khichi
देर लगेगी
देर लगेगी
भगवती पारीक 'मनु'
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
थोड़ी मोहब्बत तो उसे भी रही होगी हमसे
शेखर सिंह
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
Ravi Prakash
हाहाकार
हाहाकार
Dr.Pratibha Prakash
नज्म।
नज्म।
Abhishek Soni
।।
।।
*प्रणय*
" तुतारी "
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी दुनिया में
तेरी दुनिया में
Dr fauzia Naseem shad
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
अनुभूति
अनुभूति
Shweta Soni
नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
नाचणिया स नाच रया, नचावै नटवर नाथ ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
जितनी  ज्यादा   चाह  परिंदे।
जितनी ज्यादा चाह परिंदे।
पंकज परिंदा
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
तुमने जाम अपनी आँखों से जो पिलाई है मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Choudhary
Choudhary
Rajesh Kumar
शिवोहं
शिवोहं
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
The Sweet 16s
The Sweet 16s
Natasha Stephen
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
🥀✍ *अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
एक अविरल प्रेम कहानी थी जब अग्नि कुंड में कूद पड़ी मां भवानी थी
एक अविरल प्रेम कहानी थी जब अग्नि कुंड में कूद पड़ी मां भवानी थी
Karan Bansiboreliya
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
घर आये हुये मेहमान का अनादर कभी ना करना.......
shabina. Naaz
बर्ड फ्लू का क्लू
बर्ड फ्लू का क्लू
Anil Kumar Mishra
छल छल छलका आँख से,
छल छल छलका आँख से,
sushil sarna
Loading...