Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 1 min read

*किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)*

किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (पॉंच दोहे)
_______________________
1)
किस्मत वाले जा रहे, तीर्थ अयोध्या धाम
जिन्हें बुलाते राम जी, उनको कोटि प्रणाम
2)
भाग्यवान ही कह रहे, राम राम श्री राम
तर जाऍंगे जो सदा, लेते हरि का नाम
3)
एक बार छवि राम की, देखी जहॉं ललाम
हृदय अयोध्या हो गया, पूर्ण भाव निष्काम
4)
जिह्वा हर क्षण बोल रे, जय जय सीताराम
पावन करता श्वास को, मुक्ति प्रदाता नाम
5)
जीवन-भर भटका मनुज, मायावश अविराम
अंतिम क्षण आया समझ, राम सत्य का नाम
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

627 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

सब चाहतें हैं तुम्हे...
सब चाहतें हैं तुम्हे...
सिद्धार्थ गोरखपुरी
2690.*पूर्णिका*
2690.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
तू दूरबीन से न कभी ढूँढ ख़ामियाँ
Johnny Ahmed 'क़ैस'
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आंधी
आंधी
Aman Sinha
दौड़ पैसे की
दौड़ पैसे की
Sanjay ' शून्य'
मेहनत के दिन ।
मेहनत के दिन ।
Kuldeep mishra (KD)
जीवन
जीवन
लक्ष्मी सिंह
कोशिश ना कर
कोशिश ना कर
Deepali Kalra
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अपनो से भी कोई डरता है
अपनो से भी कोई डरता है
Mahender Singh
" उधार "
Dr. Kishan tandon kranti
चुप रहना भी तो एक हल है।
चुप रहना भी तो एक हल है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
जय हनुमान
जय हनुमान
Sudhir srivastava
सपना
सपना
अवध किशोर 'अवधू'
..
..
*प्रणय*
बात बराबर हैं
बात बराबर हैं
Kumar lalit
बदनाम
बदनाम
Deepesh Dwivedi
प्रकट भये दीन दयाला
प्रकट भये दीन दयाला
Bodhisatva kastooriya
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
सत्य, अहिंसा, त्याग, तप, दान, दया की खान।
जगदीश शर्मा सहज
श्रमवीर
श्रमवीर
डॉ. शिव लहरी
मेरा था तारा   ...
मेरा था तारा ...
sushil sarna
जज्बात
जज्बात
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हमने हर रिश्ते को अपना माना
हमने हर रिश्ते को अपना माना
Ayushi Verma
उदास धड़कन
उदास धड़कन
singh kunwar sarvendra vikram
इंसान जिन्हें कहते हैं वह इंसान ही होते हैं,
इंसान जिन्हें कहते हैं वह इंसान ही होते हैं,
Dr fauzia Naseem shad
स्नेह मधुरस
स्नेह मधुरस
surenderpal vaidya
मात्रा कलन
मात्रा कलन
आचार्य ओम नीरव
Loading...