ना याद रखना है ना भूल जाना है

ना किसी बात पर तुल जाना है
न याद रखना है ना भूल जाना है
यही बेहतर होगा हमारे लिए
जिंदगी शुरू करूं तुम्हारे लिए
नदियों का पानी मीठा है पर
समुद्र तो है पानी खारे लिए
औरों के पीछे फिजूल जाना है
न याद रखना है ना भूल जाना है
समस्याओं को सुलझाते हुए
कभी टूट जाना आंसू बहाते हुए
खुद की सोच को बदल करके
कदम बढ़ाया मुस्कुराते हुए
किताबों की तरह खुल जाना है
न याद रखना है ना भूल जाना है
सबक लेकर पुरानी बातों से
सबक लिए उन काली रातों से
मुश्किलें और मजबूत बनाती गयी
ना पीछे हटे अपने जज्बातों से
एक -एक कदम माकूल जाना है
न याद रखना है ना भूल जाना है
नूर फातिमा खातून”नूरी”
जिला -कुशीनगर