Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Dec 2023 · 1 min read

Expectation is the

Expectation is the
future illusion and happening is the present reality.
Never expect anything to become disillusioned in future.

1 Like · 261 Views
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all

You may also like these posts

कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
नदियाँ
नदियाँ
Pushpa Tiwari
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
Rj Anand Prajapati
क्या कहूँ
क्या कहूँ
Ajay Mishra
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
#लघु_तथा_कथा
#लघु_तथा_कथा
*प्रणय*
नदी की मुस्कान
नदी की मुस्कान
Satish Srijan
02/05/2024
02/05/2024
Satyaveer vaishnav
हिन्दी ग़ज़ल
हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शरद ऋतु
शरद ऋतु
अवध किशोर 'अवधू'
शरारती निगाह में वही हँसी खुमार है।
शरारती निगाह में वही हँसी खुमार है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
जिंदगी.... कितनी ...आसान.... होती
Dheerja Sharma
" मिट्टी के बर्तन "
Pushpraj Anant
"कैसा जमाना आया "
Dr. Kishan tandon kranti
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
वो जो बातें अधूरी सुनाई देती हैं,
पूर्वार्थ
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
।। आरती श्री सत्यनारायण जी की।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समिधा सार
समिधा सार
Er.Navaneet R Shandily
वह है हिंदी हमारी
वह है हिंदी हमारी
gurudeenverma198
3130.*पूर्णिका*
3130.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
*सेवा सबकी ही करी, माँ ने जब तक जान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Remembering Gandhi
Remembering Gandhi
Chitra Bisht
परछाईं (कविता)
परछाईं (कविता)
Indu Singh
राखी की यह डोर।
राखी की यह डोर।
Anil Mishra Prahari
***इतना जरूर कहूँगा ****
***इतना जरूर कहूँगा ****
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्यार जताना नहीं आता ...
प्यार जताना नहीं आता ...
MEENU SHARMA
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
हर तीखे मोड़ पर मन में एक सुगबुगाहट सी होती है। न जाने क्यों
Guru Mishra
बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं
बेजमीरों के अज़्म पुख़्ता हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
खुला पत्र ईश्वर के नाम
खुला पत्र ईश्वर के नाम
Karuna Bhalla
Loading...