Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Dec 2023 · 1 min read

एक तजुर्बा ऐसा भी

ऐसा भी होता है
मैंने तो सोचा भी नहीं था
और न इसका अनुभव था,
पर सच के साथ जो तजुर्बा हुआ
उससे तो मैं गदगद हो गया।
विश्वास नहीं होता पर सच है
एक रिश्ता ऐसा भी मेरा जुड़ा
जिससे कोई रिश्ता नहीं था
और तो और
पहले सेहम दोनों की न कोई जान पहचान थी
न हम किसी भी रूप में कभी आमने सामने हुए थे
सपने तक में भी मिले नहीं थे
नाम रुप रंग चेहरे से भी हम अंजान थे।
पर ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र
एक आयोजन नया तजुर्बा दे गया
एक संक्षिप्त आभासी संवाद
रिश्तों का अनोखा सूत्र बन गया।
हमारे बीच रिश्तों को डोर
पहली मुलाकात से ही सबूत देने ने लगी,
वो अनदेखी अंजानी प्यारी बच्ची
बहन बेटी ही नहीं लाड़ली दुलारी हो गई
अधिकार पूर्वक अधिकार जताने लगी।
मेरे मन मस्तिष्क में अपनी उपस्थिति
स्थाई रूप से बनाने लगी।
पूर्व जन्म के रिश्ते का अहसास कराने लगी,
बहन बेटी का पूरा अधिकार जताने लगी,
सच कहूं तो उसके लाड़ प्यार से
मेरी आंखें आये दिन भीगने लगीं,
क्योंकि खून के रिश्तों को भी
वो आइना दिखाने लगी,
मेरे बड़े भैया हैं बड़े गर्व से सबको बताने लगी।
मेरी लाड़ली मेरे साथ अपने रिश्ते
अपने अधिकारों का अधिकार जताने के साथ
अपना हर कर्तव्य निभाने लगी
मुझे अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराने लगी
बहन बेटी के नाजों नखरे खूब दिखाने लगी।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 148 Views

You may also like these posts

तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
घना शोर था
घना शोर था
Seema gupta,Alwar
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
देवी महात्म्य चतुर्थ अंक * 4*
मधुसूदन गौतम
एक शाम
एक शाम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
शीर्षक - दीपावली
शीर्षक - दीपावली
Neeraj Agarwal
मै घट हूँ घटनाओ का
मै घट हूँ घटनाओ का
C S Santoshi
आई सावण तीज
आई सावण तीज
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
18. Before You Sleep
18. Before You Sleep
Santosh Khanna (world record holder)
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
पथ सहज नहीं रणधीर
पथ सहज नहीं रणधीर
Shravan singh
चुप रहने की घुटन
चुप रहने की घुटन
Surinder blackpen
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
आंखें भी खोलनी पड़ती है साहब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
माना तुम रसखान हो, तुलसी, मीर, कबीर।
Suryakant Dwivedi
Change
Change
पूर्वार्थ
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
पहले आसमाॅं में उड़ता था...
Ajit Kumar "Karn"
नाख़ूनों पर
नाख़ूनों पर
Akash Agam
रिश्तों में दूरी
रिश्तों में दूरी
Rekha khichi
लम्बी हो या छोटी,
लम्बी हो या छोटी,
*प्रणय*
"अलग -थलग"
DrLakshman Jha Parimal
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
जिन्दगी में बरताव हर तरह से होगा, तुम अपने संस्कारों पर अड़े
Lokesh Sharma
कदम जब बढ़ रहे
कदम जब बढ़ रहे
surenderpal vaidya
Love love and love
Love love and love
Aditya Prakash
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
*करो अब चाँद तारे फूल, खुशबू प्यार की बातें (मुक्तक)*
Ravi Prakash
झूठे हैं सब कहकहे,
झूठे हैं सब कहकहे,
sushil sarna
कहानी कोई भी हो
कहानी कोई भी हो
SATPAL CHAUHAN
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
विजातीय बिआह।
विजातीय बिआह।
Acharya Rama Nand Mandal
Loading...