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14 Sep 2023 · 1 min read

“परोपकार के काज”

“परोपकार के काज”
झन करव तुमन भईया
जंगल झाड़ी के नाश,
अही ह जम्मो के आय
जिनगी के आश।
रुखराई जंगल झाड़ी करथे
परोपकार के काज,
सुघ्घर हवा अउ निर्मल पानी
अही म टिके समाज।

12 Likes · 6 Comments · 786 Views
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